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किसी भी देश की अगर १८% आबादी पिछड़ी और अवसाद ग्रस्त होगी तो वोह पूरी तरह से तरक्की नहीं कर पाएगा
दुर्भाग्य से आज भारतीय मुस्लिम इस ही अवस्था से गुज़र रहा है ! एक तरफ तो जीवन के हर मैदान में औरो से
पीछे है उसपर आतंकवाद की मार !! जी है , शायद यह सुनने में अजीब लगता हो लेकिन यह हकीकत है की यही
सब से ज्यादा आतंकवाद की वजह से पीड़ित है, सिर्फ कुछ लोगों की वजह से (०.००१ % या उससे भी कम) पूरा मुस्लिम
समाज शक के दाएरे में आ जाता है.. यह शक इस क़दर हावी हो चूका है की कोई में घटना हो बस उसको मुसलमानों
से जोड़ दिया जाता है चाहे वो खुद ही इसके शिकार हुए हो और यह बात पिछले कुछ दिनों में साफ़ हो गयी है की हर
घटना के पीछे मुसलमान नहीं होता है… बहरहाल ज़िन्दगी रूकती नहीं है और ना ही हम दुखो ले कर ज़िन्दगी भर
जी सकते है, हर मर्ज़ का इलाज है और यह खुद करना पड़ता है. मुस्लिम समाज को भी खुद आगे आना होगा
अपने में सुधर करना होगा ! अपना को उस दाएरे से बाहर लाना हो गा जिसमे वो क़ैद है,, हर चीज़ के लिए सरकार
की तरफ देखना ठीक नहीं है..
यदि हम मुस्लिम मुहल्लों में जाए तो पता चल जाता है की हम कहा है… पान की दुकानों पर खड़े , गली गलौज करते दिशाहीन मुस्लिम युवक हर जगह दिखाई देगे जिनसे बोलने में भी डर लगता है, क्या यही छवि इस्लाम में बताई गयी है ?? आज मुसलमानों की बस यही तस्वीर है,, इस्लाम का मतलब तो “शांति” है ! मुस्लिम युवाओ की ज़िम्मेदारी है की वो इसका अर्थ “शांति” साकार करे, और अपनी छवि में सुधार करे, मुस्लिम युवाओ को कमियाबी और देश भक्ति की वो मिसाले कायम करना होगा की मुस्लिम देश भक्ति का दूसरा नाम हो जाये फिर देखे वोह समाज में कितनी सम्मानित नज़रो से देखे जाएगे !
हम भारतीय है और यह मुल्क हमारा है हमें यही रहना है और आगे जाना है, देश भक्ति और अच्छाई की मिसाले पेश करनी है , इसके बाहर हमारा कोई ठिकाना नहीं है ! मुल्क से वफादारी तो इस्लाम में ईमान में शामिल है. हमें पहले खुद सुधारना हो गा, फिर घर को, फिर अपने समाज को सुधारना हो गा, जब हम सही हो जायेगे तो दूसरी कौमो का बर्ताव खुद बा खुद हमसे सही हो गए गा ! यदि आप दुनिया के दुसरे मुल्को को देखे तो भारत में मुसलमान काफी बेहतर है, और अगर थोड़ी कोशिश करे तो और सुधार मुमकिन है,, बस यह कोशिश खुद करे, किसी पार्टी या नेता की तरफ ने देखे ! अच्छाई और कमियाबी का सिर्फ एक रास्ता है ,, सही शिक्षा और सकारात्मत सोच, शिक्षा और सोच जो दूसरो को लाभ दे, जो समाज को फायेदा पहुचाये !!
शाह फैसल की कामयाबी ने एक बार फिर मुस्लिम युवाओ को एक रास्ता दिखाया है की भारत हमारा देश है हमको यही
रहना है और अपने रास्ते बनाने है !
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