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हम कितने भारतीय ??

मेरा भारत महान
मेरा भारत महान
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सवाल अजीब है लेकिन व्यर्थ नही है! हम आज भारतीय नही है यह एक सच है
आज से क़रीब २०-२५ साल पहले जब मै school और college मे था तब येह एक
सच था लेकिन फिर सब बदलना शुरू हो गया! सब से पहले हम सिख और
गैर सिख हुये, हमारी भारतीयता जाती रही ! हजारो जाने गयी लेकिन हम ने
कोई सबक नही लिया क्योकि हम को भारत से अधिक प्यार अपने वर्ग से
था !

फिर एक दल ने हमको जाति के आधार पर बाटा, reservation का जिन्न निकला और सारे भारत को
एक बार फिर भारतीयता को उच्च जाति और निम्न जाति मे बाट दिया गया अनगिनत युवको ने खुद
को आग के हवाले हर दिया यह एक वर्ग था, दूसरा वर्ग इस reservation के नाम पे खुशिया
मना रहा था और भारतीयता दम तोड रही थी !

इस reservation की राजनीती की काट के लिये धर्म का सहारा लिया गया और एक ऐसी
आग लगायी गयी की पूरा भारत धर्म के आधार पर बट गया, यह एक ऐसा मुद्दा था जिसकी
आग पूरे देश मे लग गयी, नेताओ को सत्ता मिली, लेकिन एक आम आदमी को भय और
आतंक का ऐसा वातावरण मिला कि हम अपनी छाया से भी डरने लगे! अब भारतीयता
पुरी तऱ्ह से खत्म हो चुकी थी और पुरा देश २ हिस्सो मे बट गया था ! देश के दुश्मनो
ने ऐसे हालात का फायदा उठाया और आतंकवाद का जहर बो दिया और हर कोई एक
दुसरे का दुश्मन हो गया मदिरो, मस्जिद, दरगाह सब को निशाना बनाया जाने लगा,
भारतीयता जिसका आधार मुहब्बत और भाई चारा , सब धर्मो का सम्मान था, अब पुरी तऱ्ह से
खतम हो गयी थी, हम भारतीय तो न रहे बल्की हिंदू / मुस्लीम , उच्च वर्ग / दलित, ब्राहामन,
यादव आदि मे बट कर रह गये !

लेकिन कहते है कि जब अंधेरा बहुत हो गहरा हो जाता है तो समझ लो सुबह होने को
है, धीरे धीरे आम जनमानस को समझ मे आने लगेगा कि हमारी मुश्किले एक है चाहे
वह किसी धर्म का हो, हर वर्ग के लोग बेरोजगारी के शिकार है, भ्रष्टाचार का शिकार है
बिजली पानी कि समस्या सब को समान है यह हो सकता है कि कोई कम हो और
कोई अधिक मगर हर आम आदमी एक ही तऱ्ह कि समस्याओ से त्रस्त है ! अगर हम एक
और वर्ग बनाये जो धर्म या जाति पर आधारित न हो कर सिर्फ उन लोगो का हो जिनकी
समस्याए एक हो तो शायद यह भारत का सब से बडा वर्ग होगा, इसका सब से उपयुक्त नाम
“आम भारतीय” होना चाहिये ! यही वोह वर्ग है जिसको हमारे समाज शक्तिशाली लोग और ठेकेदार
बनने नही देना चाहता है और हम को एक दुसरे से भयभीत रखते, कभी धर्म के नाम पर, कभी
आतंकवाद के नाम पर और कभी जाति के नाम पर, यह सिद्ध करना चाहते है कि तुम्हारी
सारी परेशानिया सिर्फ अमुक धर्म या जाति कि वजह से है !

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