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अप्रवासी भारतीय, विशेषकर खाड़ी देशो में रहने वाले भारतीय, सुनने में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन
अगर आप खाड़ी देशो में भारतीयों की हालत देखे तो शायद सिवाए दुःख और अफ़सोस के कुछ
नहीं मिलेगा !
यह भारतीय श्रमिक अपने वतन, अपने परिवार को छोड़ कर एक बेहतर जीवन के लिए यहाँ आते है
परन्तु यहाँ आकर इनका जीवन तो शायद ही बेहतर होता हो, इनको मिलता है एक ऐसा जीवन जिसमे
यह एक मशीन बन कर रह जाते है !
सुबह उठे काम पर गए रात को लौटे सो गए ! बस यही इनका जीवन है ! जी तोड़ महनत और बंधी हुई
दिनचर्या की वजेह से इनमे से अक्सर अवसादग्रस्त रहते है! इनका जिस्म तो यहाँ रहता है लेकिन आत्मा
इंडिया में अपने परिवार के बीच रहती है,, अपनी आमदनी का ज्यादा हिस्सा घर भेज देते है जिससे इनका
परिवार चलता है..
अपने जीवन को नरक करके यह लोग अपने परिवार के जीवन को स्वर्ग बनाने की कोशिश करते है
परन्तु अधिकांशतया इनके लिए सोचने वाला कोई नहीं होता है. हर एक को इनसे उम्मीदे ही होती
है और इन उम्मीदों और उनकी खुशियों को पूरा करते करते इनकी अपनी उम्मीदे और खुशिया
कब ख़त्म हो जाती है पता ही नहीं चलता !
इस लेख के ज़रिये मेरा अनुरोध है उन सभी परिवारों से जिनके अपना विदेश में है की कृपया उनका
ख्याल रखे आप का एक अच्छा शब्द उनको जीना की उम्मीद देगा ! उनको अहसास देगा की कोई
है जो उनकी फ़िक्र करता है…. …… जय हिंद
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