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प्रिय
आज तुमको गए हुआ कई महीने हो गए, लेकिन आज भी मेरी आखो में तुम वैसे ही बसे हो, मैंने तुम्हारी किसी चीज़ को बदला नहीं, तुम्हारी डेस्क, आज भी वैसे ही है जैसे तुम छोड़ कर गयी थी , सब कुछ वैसा ही है तुम नहीं हो, वह छोटे छोटे फूल जो तुम अपने स्क्रीन पर लगाती थी आज भी वैसे ही लगे है, कागजों पर तुम्हारी लिखावट, कुछ नहीं बदला, बस मै बदल गया हू!
तुम अपने साथ अपनी तो कोई चीज़ नहीं ले गए लेकिन मेरी हर चीज़ ले गए, मेरी मुस्कान, मेरी खुशिया, मेरा चैन सब तो तुम से ही था, पता नहीं तुम्हे याद है की नहीं अगर तुम आने में लेट हो जाती थी तो मेरा क्या हाल होता था, एक एक पल कैसे गुज़रता था ? और तुम भी मुझे एक पल खामोश नहीं देख पाती थी ! एक मिनट भी अगर मिलता था तो मेरे पास आकर बैठ जाती थी, क्या तुम सब भूल गयी, शायद नहीं !
मुझे अभी तक याद है जब हमारी दोस्ती शुरू हुई थी, यह दोस्ती जो एक दुसरे के लिए थी किसी स्वार्थ के लिए नहीं, कितनी बाते करते थे हम.. घर की, ऑफिस की, सब तरह की बाते ! एक दूसरा में इतना गुम थे की किसी और के लिए वक़्त ही नहीं था, मेरी बाते सुनकर तुम कितना हँसती थी, धीरे धीरे यह दोस्ती कितना बढ गयी थी, तुम्हारा चेहरा दिन रात मेरे दिलो दिमाग में रहता, इस चेहरे ने मुझे सब भुला दिया था शायद मैं खुद को भी भूल गया था, सब कुछ ठीक चल रहा था फिर अचानक क्या हुआ, तुम बदलने लगी, तुम्हारी हँसी गायब हो गयी ! तुम खामोश रहने लगी और मैं बहुत कोशिशो के बाद भी नहीं जान पाया कि इसकी वजह क्या है !
तुम्हे याद होगा , एक दिन मैंने तुमसे पूछा और कहा कि मैं जाने बग़ैर नहीं हटूंगा तुम्हारा जवाब था कि दोस्त तुम सपने में जी रहे हो और जब सपना टूटेगा तुम बहुत ज्यादा टूट जाओगे, बस उसके आगे कोई बात नहीं कि तुमने, तुम्हारी खामोशी दिन ब दिन बद्ती गयी और एक दिन तुम मुझे छोड़ कर चले गए ! जाते वक़्त तुमने बहुत से वादे किये थे मुझसे मिलते रहने का फोन करने का लेकिन मुझे मालूम था कि तुम मुझे बहला रही हो, तुम मुझे हमेशा के लिये छोड कर जा रही हो!
शायद तुम अब मुझे कभी नही मिलोगी, लेकिन मेरे दिल मे तुम आज भी उतनी ही जगह रखती हो जितनी तब रखती थी, तुम्हारी हर बात मुझे याद है !
मै तुम्हे कभी भूल नही पाऊगा!!
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