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शीर्षक देख कर एक बार तो मैं खुश हो गया, सोंचा की शायद भारत सरकार ने या सरकार के किसी शीर्ष अधिकारी ने अन्य देशो को चेतावनी दी है की भारतियों को अगर न जायज़ तंग किया गया या उनको परेशान किया गया तो अच्छा नहीं होगा ( जैसे की अपने वहाँ दादा लोग धमकाते है की छु कर दिखाओ फिर देखो हम क्या करते है ), फिर धीरे धीरे जब पूरी खबर देखी तो दुख और अफसोस मे बैठ गया !! खबर यह थी कि : ब्रिटेन ने अपने देश के लोगों को 2012 के ओलिंपिक खेलों के दौरान भारत से आने वाले टूरिस्ट्स को न छूने और उनके बहुत करीब न जाने की सलाह दी है (नवभारत टाइम्स की खबर देखे ) !! यह कथन उन लोगो का है जो आज के अधिकांश युवाओ के आदर्श है है और अगर बस चले तो शायद वह वहीं जा कर बस जाए !! ज़रा देखे कि इन अंगेज़ों के दिमाग मे हमारी क्या छवि है और दूसरी तरफ हम है कि इन को सर आंखो पर बिठाए है !! अगर हमारे मिनिस्टर इनके यहाँ जाये तो जाँच के नाम पर बे इज्ज़त हो ( जॉर्ज फर्नांडीस आदि ) और तत्कालीन प्रधान मंत्री (वाजपाई जी) इस बात को छुपाने के लिए कहें,, और जब इनके लोग आए तो हम अपने राष्ट्र पिता कि समाधि तक तो का छोड़े और वहाँ भी कुत्ते सूंघवा दे !! इनको जब किसी भारतीय नागरिक से पूछताछ करनी हो तो यह बिना किसी रोक के उसको अपने साथ विमान मे ले गए और हमारी एजेन्सीस उस पर सिर्फ पर्दा डाले, परंतु जब हमको हेडली ( जो खुद अमेरिका के लिए काम करता था ) से पूछ ताछ करनी हो तो महीनो इंतेजार करे, उन्हों ने कह दिया कि हेडली आतंकवादी है बस हमने मान लिया, लेकिन आज तक उनसे यह नहीं कहा कि श्रीमान यह (हेडली) तो आप का प्यारा जासूस था फिर यह आतंकवादी कैसे हो गया !!
इनको आज़ादी है यह भारतियों को जैसे चाहे वैसे व्यवहार करे चाहे छात्रो को पीट डाले चाहे नस्लीय टिप्पणी करे लेकिन यह हमारे मई बाप ही रहेगे !! मुझे अपने देश के महानुभावों पर पूरा भरोसा है कोई भी इन बातों पर कान नहीं धरेगा !!
समझ मे नहीं आता कि जिन गोरो को भागने मे और उनकी चालो को समझाने ने हमारे पूर्वजों को इतने साल लगे, उन्हे हमको दुबारा ग़ुलाम बनाने मे सिर्फ चंद साल लगे,, अबकी यह गुलामी मानसिक और सांस्कृतिक है !! उम्मीद है कि हर उस भारतीय को यह अपमान इन तमाचे कि तरह लगेगा और वह अपने राज नेताओ से इन का जवाब माँगेगा और मेरी इस मुहिम का समर्थन करेगा !!
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