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बहुत दिनो से देख रहा हूँ कि कुछ लोग जागरण मंच का इस्तेमाल आपस मे नफरत फैलाने के लिए कर रहे है, इनका खास लक्ष्य है मुसलमानो के प्रति, उनके धर्म ग्रंथ के प्रति लोगो मे नफरत फैलाना, इसके लिए इन लोगो ने सारे हथकंडे इस्तेमाल किए, ऐसा शीर्षक चुना कि हर कोई क्लिक करे,, फिर लेख मे बिना संदर्भ के कुछ आयतों का हवाला दिया ताकि इस आग को और भड़काया जा सके,, कहीं से बात को कहीं जोड़ दिया युद्ध के मैदान के निर्देशो को शांति काल मे जोड़ दिया!!
एक उदाहरण जैसे कि कोई कहे कि “भय्या कानपुर मत जाना वहाँ तो देखते ही गोली मार देने का आदेश है मैंने खुद देखा है सरकारी आदेश मे” अब आगे यह नहीं बताया गया कि यह बात दंगे के दौरान कही गयी थी और हजारो जानो को बचाने के लिए यह आदेश दिया गया था ,, बस हो गया अर्थ का अनर्थ बस यही प्रयास किया गया था लेख के द्वारा,, लेकिन धन्य है मेरा भारत और यहाँ के वासी, ज़्यादातर लोगो ने इसका विरोध ही किया और एक बार फिर हमारी एकता की जीत हुई !!
अब मैं दूसरे बिन्दु पर आता हूँ,, क्या यह मुमकिन है कि हिन्दू और मुसलमान को भारत मे बाटा जा सकता है ,, नहीं यह कभी संभव नहीं है चाहे वह कोशिश बंदूक की हो या फिर लेख की, हिन्दू मुसलमानो के संबंध आज के नहीं है बल्कि सदियो से है !! हुकुमते हिन्दू / मुसलमान / अंग्रेज़ होती रहीं लेकिन आम जनता हमेशा भारतीय ही रही है,, यह आम जन हमेशा हुकूमत के ज़ुल्मो और अत्याचारो के शिकार होते रहे और इनको कभी धर्म विशेष के शासन का कोई लाभ नहीं मिला ! आज भी धर्म भले अलग हो लेकिन आम जन की संस्कृति एक है !! क्या आप किसी सार्वजनिक स्थान पर सिर्फ शक्ल , वेश भूषा और बोल चाल देख कर बता सकते है की अमुक हिन्दू है और फला मुसलमान है, नहीं !! परंतु आप यह ज़रूर अंदाज़ा कर सकते है की यह उत्तर भारतीय है ,, यह मराठी है ,, यह बंगाली है आदि,, अब बताए धर्म की दीवारे कहाँ चली गयी ?? यही हमारे प्यारे देश की विशेषता है!!
फिर आगे देखे ,, दोनों धर्म वाले ऐसे मिले हैं कि राम लीला का मंचन हिन्दू भाई करते है तो मंच बनाने वाले कारीगर मुसलमान है,, रोज़ा रखने वाले मुसलमान तो उसके लिए इंतेजाम आदि करने वाले हिन्दू ,, मुहर्रम मे जुलूस निकालने वाले मुसलमान तो रास्ते मे सबील रखने वाले हिन्दू ,, कंपनी मालिक हिन्दू को काम करने वाले मुसलमान,, टेनरी मालिक मुसलमान तो काम करने वाले हिन्दू,, ईद , होली, दिवाली गुरूपर्व आदि सब साथ मिलकर मनाते है !
अब आप कहाँ कहाँ इन को अलग करेगे !! और एक बात ध्यान रहे ,, आप तो इनको अलग नहीं कर सकते परंतु एक दिन ज़रूर आएगा जब यह यह दोनों भाई (हिन्दू + मुसलमान ) मिलकर आप कट्टरपंथियो और आतंकवादियो को ज़रूर समाज से और देश से निकाल फेकेंगे, फिर आप का ठिकाना कहाँ होंगा ??
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