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यह किसने कहा है कि ईद आ गयी है !!

मेरा भारत महान
मेरा भारत महान
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Eid-celebrationsजैसे जैसे ईद का दिन नजदीक आ रहा था रहीम मियां की उलझन बढ़ती जा रही थी,, साल के 12 महीनो मे एक रमज़ान का महीना उसके लिए थोड़ा सुकून का होता है अब वह भी खतम होने को है, कुछ साल पहले तक हालात ऐसे न थे वह मेहनत मजदूरी करके दिन मे सत्तर अस्सी रुपैया कमा लेता था और किसी तरह घर का खर्चा निकल ही आता था, लेकिन पिछले कुछ सालो से कमर तोड़ महंगाई ने तो जीना ही मुश्किल कर दिया है, अब इस पैसे मे परिवार का खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो गया था,, काम काज भी अच्छा नहीं चल रहा है,, आर्थिक मंदी ने सब चौपट कर दिया था, ज़्यादा तर कारखाने बंद हो चुके थे !! इन हालात मे एक मजदूर क्या करे और कहाँ जाये,, घर मे एक बूढ़ी माँ , पत्नी और 3 बच्चे थे 6 लोगों का खर्चा किसी पहाड़ से कम न था ! बड़ो को तो समझाया जा सकता था लेकिन बच्चे तो मानते ही नहीं, उनको तो एक ही धुन है की ईद आ रही है अब नए कपड़े बनेगे, घर मे सिवई बनेगी !!       

 

रमज़ान शुरू हुआ था तो थोड़ा सुकून मिला, चलो अब एक टाइम ही खाने का चक्कर रहेगा, बीमार माँ ने भी रोज़े रखना शुरू कर दिया कि इस बहाने बेटे को थोड़ा तो सुकून मिलेगा,, पत्नी ने बच्चो को जिन पर रोज़े फर्ज़ भी ना थे सवाब का लालच देकर रोज़े रखना को राज़ी कर लिया, अब बस एक वक़्त के खाने का जुगाड़ करने था, इसके अलावा बस्ती के खाते पीते लोग भी कभी कभी अफ़तारी के नाम पर कुछ भोजन / फल आदि भेज देते थे,, कुछ सुकून मिला था लेकिन यह महीना तो जैसे पंख लगा कर उड़ता जा रहा था बस 4 दिन बाक़ी रह गए ईद मे, अब क्या होगा, बच्चो के कपड़े कहाँ से बनेंगे,, घर मे सिवई आदि का तो कोई इंतेजाम ही नहीं है, फिर से दो वक़्त के खाने का जुगाड़ करना पड़ेगा इससे तो अच्छा होता कि पूरे साल रमज़ान रहता……………

 

किसी शायर ने सही कहा है

ग़रीबी खबर सुनके घबरा गयी है         यह किसने कहा है कि ईद आ गयी है !!
हरीर और मखमल कहीं जेबेतन हैं      कोई ईद के दिन भी नंगे बदन है !!
नयी है जो टोपी, फटा पैरहन है          कोई सिर्फ रोज़ो पे अपने मगन है !!

जबीं फिर भी खम है कि क्या पा गई है !!
यह किसने कहा है कि ईद आ गयी है  !!

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इस लेख मे माध्यम से मेरा हर उस व्यक्ति से (जिसको भगवान मे सामर्थ बनाया है) अनुरोध है कि कृपया ईद, होली, दिवाली, क्रिसमस मे जब आप अपने बच्चो के लिया कुछ खरीदे तो उन ग़रीब बच्चो और परिवारो को याद कर ले जिनको ऊपरवाले ने इतना नहीं दिया है, आप को अपने आसपास ऐसे बहुत से लोग मिल जायेगे, तो प्लीज कुछ उनके लिए भी खरीदे,, वह आपको बदले मे कुछ नहीं दे सकते लेकिन ऊपरवाला आपको ज़रूर इसका बहुत अच्छा बदल देगा !!

 

 

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